ऑल इस्लाम लाइब्रेरी

92 - The Night - Al-Layl

:1

रात की क़सम, जब वह छा जाए।

:2

और दिन की क़सम, जब वह रौशन हो जाए!

:3

तथा नर और मादा को पैदा करने की क़सम।

:4

निःसंदेह तुम्हारे प्रयास विविध हैं।

:5

फिर जिसने (दान) दिया और (अवज्ञा से) बचा।

:6

और सबसे अच्छी बात को सत्य माना।

:7

तो निश्चय हम उसके लिए भलाई को आसान कर देंगे।

:8

लेकिन वह (व्यक्ति) जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती।

:9

और सबसे अच्छी बात को झुठलाया।

:10

तो हम उसके लिए कठिनाई (बुराई का मार्ग) आसान कर देंगे।

:11

और जब वह (जहन्नम के गड्ढे में) गिरेगा, तो उसका धन उसके किसी काम नहीं आएगा।

:12

निःसंदेह हमारा ही ज़िम्मे मार्ग दिखाना है।

:13

निःसंदेह हमारे ही अधिकार में आख़िरत और दुनिया है।

:14

अतः मैंने तुम्हें भड़कती आग से सावधान कर दिया है।

:15

जिसमें केवल सबसे बड़ा अभागा ही प्रवेश करेगा।

:16

जिसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।

:17

और उससे उस व्यक्ति को बचा लिया जाएगा, जो सबसे ज़्यादा परहेज़गार है।

:18

जो अपना धन देता है, ताकि वह पवित्र हो जाए।

:19

और उसपर किसी का कोई उपकार नहीं है, जिसका बदला चुकाया जाए।

:20

वह तो केवल अपने सर्वोच्च रब का चेहरा चाहता है।

:21

और निश्चय वह (बंदा) प्रसन्न हो जाएगा।