ऑल इस्लाम लाइब्रेरी
1

कस़म है धूप चढ़ने के समय की!

2

और क़सम है रात की, जब वह छा जाए।

3

(ऐ नबी!) तेरे पालनहार ने तुझे न तो छोड़ा और न नाराज़ हुआ।

4

और निश्चित रूप से आख़िरत आपके लिए दुनिया से बेहतर है।

5

और निश्चय तेरा पालनहार तुझे प्रदान करेगा, तो तू प्रसन्न हो जाएगा।

6

क्या उसने आपको अनाथ पाकर शरण नहीं दी?

7

और आपको मार्ग से अनभिज्ञ पाया, तो सीधा मार्ग दिखाया।

8

और उसने आपको निर्धन पाया, तो संपन्न कर दिया।

9

अतः आप अनाथ पर कठोरता न दिखाएँ।

10

और माँगने वाले को न झिड़कें।

11

और अपने रब के उपकार का वर्णन करते रहें।