(ऐ नबी!) कह दीजिए : मैं शरण लेता हूँ लोगों के पालनहार की।
लोगों के बादशाह की।
लोगों के सत्य पूज्य की।
वसवसा डालने वाले, पीछे हट जाने वाले की बुराई से।
जो लोगों के दिलों में वसवसे डालता है।
जिन्नों और इनसानों में से।