ऑल इस्लाम लाइब्रेरी
1

(ऐ नबी!) कह दीजिए : मैं सुबह के पालनहार की शरण लेता हूँ।

2

उस चीज़ की बुराई से, जो उसने पैदा की।

3

तथा अंधेरी रात की बुराई से, जब वह छा जाए।

4

तथा गाँठों में फूँकने वालियों की बुराई से।

5

तथा ईर्ष्या करने वाले की बुराई से, जब वह ईर्ष्या करे।