(ऐ नबी!) कह दीजिए : मैं सुबह के पालनहार की शरण लेता हूँ।
उस चीज़ की बुराई से, जो उसने पैदा की।
तथा अंधेरी रात की बुराई से, जब वह छा जाए।
तथा गाँठों में फूँकने वालियों की बुराई से।
तथा ईर्ष्या करने वाले की बुराई से, जब वह ईर्ष्या करे।