जब सूर्य लपेट दिया जाएगा।
और जब सितारे प्रकाश रहित हो जाएँगे।
और जब पर्वत चलाए जाएँगे।
और जब गाभिन ऊँटनियाँ छोड़ दी जाएँगी।
और जब जंगली जानवर एकत्रित किए जाएँगे।
और जब सागर भड़काए जाएँगे।
और जब प्राण मिला दिए जाएँगे।
और जब जीवित गाड़ी गई लड़की से पूछा जाएगा।
कि वह किस अपराध के कारण मारी गई?
तथा जब कर्मपत्र (आमाल नामे) फैला दिए जाएँगे।
और जब आकाश उधेड़ दिया जाएगा।
और जब जहन्नम दहकाई जाएगी।
और जब जन्नत क़रीब लाई जाएगी।
तो प्रत्येक प्राणी जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है।
मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटने वाले सितारों की।
चलने वाले, छिप जाने वाले तारों की।
और रात की (क़सम), जब वह आती और जाती है।
तथा सुबह की, जब वह रौशन होने लगे।
निःसंदेह यह (क़ुरआन) एक आदरणीय संदेशवाहक की लाई हुई वाणी है।
जो शक्तिशाली है, अर्श (सिंहासन) वाले के पास उच्च पद वाला है।
उसकी वहाँ (आसमानों में) बात मानी जाती है और बड़ा विश्वसनीय है।
और तुम्हारा साथी कोई दीवाना नहीं हैं।
और निश्चय उन्होंने उस (जिबरील) को स्पष्ट क्षितिज पर देखा है।
और वह परोक्ष (ग़ैब) की बातें बताने में कृपण नहीं हैं।
और यह (क़ुरआन) किसी धिक्कारे हुए शैतान की वाणी नहीं है।
फिर तुम कहाँ जा रहे हो?
यह तो समस्त संसार वालों के लिए एक उपदेश है।
उसके लिए, जो तुममें से सीधे मार्ग पर चलना चाहे।
तथा तुम कुछ नहीं चाह सकते, सिवाय इसके कि सर्व संसार का पालनहार अल्लाह चाहे।