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क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!

2

फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!

3

और बादलों को फैलाने वाली हवाओं की क़सम!

4

फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़ के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

5

फिर वह़्य लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

6

उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने के लिए।

7

निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।

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फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।

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और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।

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और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।

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और जब रसूलों को निर्धारित समय पर एकत्र किया जाएगा।

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किस दिन के लिए वे विलंबित किए गए हैं?

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निर्णय के दिन के लिए।

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और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि निर्णय का दिन क्या है?

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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क्या हमने पहलों को विनष्ट नहीं किया?

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फिर हम उनके पीछे बाद वालों को भेजेंगे।

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हम अपराधियों के साथ ऐसा ही करते हैं।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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क्या हमने तुम्हें एक तुच्छ पानी से पैदा नहीं किया?

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फिर हमने उसे एक सुरक्षित ठिकाने में रखा।

22

एक ज्ञात अवधि तक।

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फिर हमने अनुमान लगाया, तो हम क्या ही अच्छा अनुमान लगाने वाले हैं।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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क्या हमने धरती को समेटने वाली नहीं बनाया?

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जीवित और मृत लोगों को।

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तथा हमने उसमें ऊँचे पर्वत बनाए और हमने तुम्हें मीठा पानी पिलाया।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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(कहा जाएगा :) उस चीज़ की ओर चलो, जिसे तुम झुठलाते थे।

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एक छाया की ओर चलो, जो तीन शाखाओं वाली है।

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जो न छाया देगी और न ज्वाला से बचाएगी।

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निःसंदेह वह (आग) भवन के समान चिंगारियाँ फेंकेगी।

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जैसे वे पीले ऊँट हों।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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यह वह दिन है कि वे बोल नहीं सकेंगे।

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और न उन्हें अनुमति दी जाएगी कि वे उज़्र (कारण) पेश करें।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

38

यह निर्णय का दिन है। हमने तुम्हें और पहलों को एकत्र कर दिया है।

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तो यदि तुम्हारे पास कोई चाल हो, तो मेरे विरुद्ध चलो।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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निश्चय डरने वाले लोग छाँवों तथा स्रोतों में होंगे।

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तथा फलों में, जिसमें से वे चाहेंगे।

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(तथा उनसे कहा जाएगा :) मज़े से खाओ और पियो, उसके बदले जो तुम किया करते थे।

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हम सदाचारियों को इसी तरह बदला प्रदान करते हैं।

45

उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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(ऐ झुठलाने वालो!) तुम खा लो तथा थोड़ा-सा आनंद ले लो। निश्चय तुम अपराधी हो।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

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तथा जब उनसे कहा जाता है कि (अल्लाह के आगे) झुको, तो वे नहीं झुकते।

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उस दिन झुठलाने वालों के लिए बड़ा विनाश है।

50

फिर इस (क़ुरआन) के बाद वे किस बात पर ईमान लाएँगे?