(ऐ नबी!) हमने आपको कौसर प्रदान किया है।
तो आप अपने पालनहार ही के लिए नमाज़ पढ़ें तथा क़ुर्बानी करें।
निःसंदेह आपका शत्रु ही बे नाम व निशान है।