(ऐ नबी!) क्या आपने उसे देखा, जो बदले के दिन को झुठलाता है?
तो यही है, जो अनाथ (यतीम) को धक्के देता है।
तथा ग़रीब को खाना खिलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता है।
तो विनाश है उन नमाज़ियों के लिए,
जो अपनी नमाज़ से लापरवाह हैं।
वे जो दिखावा करते हैं।
तथा साधारण बरतने की चीज़ भी माँगने से नहीं देते।