ऑल इस्लाम लाइब्रेरी
1

वह खड़खड़ा देने वाली।

2

क्या है वह खड़खड़ा देने वाली?

3

और तुम क्या जानो कि वह खड़खड़ा देने वाली क्या है?

4

जिस दिन लोग बिखरे हुए पतिंगों की तरह हो जाएँगे।

5

और पर्वत धुने हुए रंगीन ऊन की तरह हो जाएँगे।

6

तो जिसके पलड़े भारी हो गए,

7

तो वह संतोषजनक जीवन में होगा।

8

तथा जिसके पलड़े हल्के हो गए,

9

उसका ठिकाना 'हाविया' (गड्ढा) है।

10

और तुम क्या जानो कि वह ('हाविया') क्या है?

11

वह एक बहुत गर्म आग है।