ऑल इस्लाम लाइब्रेरी

102 - The Rivalry in world increase - At-Takāthur

:1

तुम्हें (धन, संतान की) बहुतायत पर गर्व ने ग़ाफ़िल कर दिया।

:2

यहाँ तक कि तुम क़ब्रिस्तान जा पहुँचे।

:3

कदापि नहीं, तुम शीघ्र ही जान लोगे।

:4

फिर कदापि नहीं, तुम शीघ्र ही जान लोगे।

:5

कदापि नहीं, यदि तुम निश्चित ज्ञान के साथ जान लेते (तो ऐसा न करते)।

:6

निश्चय तुम अवश्य जहन्नम को देखोगे।

:7

फिर निश्चय तुम उसे अवश्य विश्वास की आँख से देखोगे।

:8

फिर निश्चय तुम उस दिन नेमतों के बारे में अवश्य पूछे जाओगे।