All Islam Directory
1

निःसंदेह हमने इस (क़ुरआन) को क़द्र की रात (महिमा वाली रात) में उतारा।

2

और आपको क्या मालूम कि क़द्र की रात क्या है?

3

क़द्र की रात हज़ार महीनों से उत्तम है।

4

उसमें फ़रिश्ते तथा रूह (जिबरील) अपने पालनहार की अनुमति से हर आदेश के साथ उतरते हैं।

5

वह रात फ़ज्र उदय होने तक सर्वथा सलामती (शांति) है।