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जब आकाश फट जाएगा।

2

और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगा और यही उसके योग्य है।

3

तथा जब धरती फैला दी जाएगी।

4

और जो कुछ उसके भीतर है, उसे निकाल बाहर फेंक देगी और खाली हो जाएगी।

5

और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगी और यही उसके योग्य है।

6

ऐ इनसान! निःसंदेह तू कठिन परिश्रम करते-करते अपने पालनहार की ओर जाने वाला है, फिर तू उससे मिलने वाला है।

7

फिर जिस व्यक्ति को उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया।

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तो उसका आसान हिसाब लिया जाएगा।

9

तथा वह अपने लोगों की ओर ख़ुश-ख़ुश लौटेगा।

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और लेकिन जिसे उसका कर्मपत्र उसकी पीठ के पीछे दिया गया।

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तो वह विनाश को पुकारेगा।

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तथा जहन्नम में प्रवेश करेगा।

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निःसंदेह वह अपने घर वालों में बड़ा प्रसन्न था।

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निश्चय उसने समझा था कि वह कभी (अल्लाह की ओर) वापस नहीं लौटेगा।

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क्यों नहीं, निश्चय उसका पालनहार उसे देख रहा था।

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मैं क़सम खाता हूँ शफ़क़ (सूर्यास्त के बाद की लाली) की।

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तथा रात की और उसकी जो कुछ वह एकत्रित करती है!

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तथा चाँद की, जब वह पूरा हो जाता है।

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तुम अवश्य एक अवस्था से दूसरी अवस्था में स्थानांतरित होते रहोगे।

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फिर उन्हें क्या हो गया है कि वे ईमान नहीं लाते?

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और जब उनके सामने क़ुरआन पढ़ा जाता है, तो सजदा नहीं करते।

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बल्कि जिन्होंने कुफ़्र किया, वे (उसे) झुठलाते हैं।

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और अल्लाह सबसे अधिक जानने वाला है जो कुछ वे अपने भीतर रखते हैं।

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अतः उन्हें एक दर्दनाक यातना की शुभ सूचना दे दो।

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परंतु जो लोग ईमान लाए तथा उन्होंने सत्कर्म किए, उनके लिए कभी न समाप्त होने वाला बदला है।