1
विनाश है प्रत्येक बहुत ग़ीबत करने वाले और बहुत दोष लगाने वाले के लिए।
2
जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा।
3
वह समझता है कि उसके धन ने उसे हमेशा रहने वाला बना दिया?
4
कदापि नहीं, वह अवश्य 'ह़ुतमा' में फेंका जाएगा।
5
और तुम क्या जानो कि वह 'हुतमा' क्या है?
6
वह अल्लाह की भड़काई हुई आग है।
7
जो दिलों तक जा पहुँचेगी।
8
निःसंदेह वह उनपर बंद कर दी जाएगी।
9
लंबे-लंबे स्तंभों में।